रतलाम

किसान मयंक घोटा ने ली अनुमति कालोनाइजर मयंक घोटा ने किया अनुमति का उपयोग!


रतलाम । ✍️Kishan sahu
अवैध सड़क से कॉलोनी एमजी सॉलिटर में जाने का किया जा रहा प्रचार, हकीकत से महरुम रखा जा रहा ग्राहकों और दलालों को
आपने जमीन के जुर्म की कई दास्तां पढ़ी, देखी और सुनी होंगी जिसमें जमीन के जुर्मी कई तरह के प्रपंच रचते हैं… लेकिन रतलाम तहसील के ग्राम बिबड़ौद में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1064, 1080 तथा 1082 में एमजी सॉलिटर नाम से एक कॉलोनी का विकास कार्य Higy Sky infra द्वारा भागीदार मयंक घोटा पिता मणीलाल घोटा द्वारा किया जा रहा है। जिसमें छल और कपट है ।

MG SOLITAIRE को नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा दो बार अनुमति प्राप्त हुई है जिसमें पहली अनुमति अवैध सड़क को MG SOLITAIRE तक पहुँच मार्ग बताकर प्राप्त की गई थी, लेकिन अवैध सड़क का मामला सामने आने पर अनुमति निरस्त कर दी गई।
जिसके पश्चात् कॉलोनाइजर मयंक पिता मणीलाल घोटा न्यायालय तहसीलदार शहर रतलाम के समक्ष उपस्थित होकर सरकारी जमीन से अपनी कॉलोनी में आने-जाने के लिए रास्ता किसान बनकर मांगते हैं। न्यायालय तहसीलदार को किसान मयंक घोटा बताते हैं कि ‘‘ग्राम बिबडौद स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1080 रकबा 1.260 हेक्टेयर राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। वर्तमान रिंग रोड़ से लगा हुआ मेरी निजी भूमि से कच्चा रास्ता निकलता है जो कन्या परिसर व निजी भूमि के मध्य शासकीय भूमि पर बना हुआ है। मुख्य मार्ग से निजी भूमि में आने व जाने तथा कृषि उपकरण हेतु निजी भूमि में जाने हेतु शासकीय भूमि के रास्ते की अनुमति प्रदान किए जाने हेतु अनुरोध किया गया है।’’
जिस पर न्यायालय तहसीलदार रतलाम एक आदेश दिनांक 10.01.2025 को पारित करते हैं जिसमें वे लिखते हैं कि ‘‘वर्तमान में प्रार्थी के पास अपनी भूमि पर जाने हेतु कोई मार्ग उपलब्ध नहीं है। राजस्व निरीक्षक रतलाम शहर द्वारा प्रस्तुत संलग्न नजरी नक्शे में लाल स्याही अंकित मार्ग में ए से ए’ भाग जो कि शासकीय सर्वे क्रमांक 1079 दर्ज है। आवेदक शासकीय भूमि में से अपनी निजी भूमि कृषि कार्य के साथ एवं अन्य कार्य उपकरण तथा सार्वजनिक उपयोग किए जाने हेतु चलित उपलब्ध मार्ग का उपयोग मात्र इस शर्त के अधीन दी जाती है कि उक्त भूमि पर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया जाएगा, ना ही उक्त भूमि का स्वरुप परिवर्तन किया जाएगा तथा उक्त शासकीय भूमि का उपयोग यदि भविष्य में शासन के किसी उपयोग में ली जाती है तो आवेदक द्वारा किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं ली जाएगी अन्यथा की स्थिति में उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से शून्य घोषित माना जावेगा।’’
उक्त आदेश से स्पष्ट है कि किसान मयंक घोटा को ग्राम बिबड़ौद स्थित अपने खेत जिसका सर्वे नम्बर 1080 रकबा 1.260 हेक्टेयर है, पर कृषि कार्य एवं अन्य कार्य उपकरण तथा सार्वजनिक उपयोग किए जाने हेतु शासकीय मार्ग का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। यह अनुमति इस शर्त के साथ दी गई है कि इस सरकारी रास्ते पर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया जाएगा, ना ही इस सरकारी रकबे का स्वरुप परिवर्तन किया जाएगा। उक्त शासकीय भूमि का उपयोग यदि भविष्य में शासन के किसी उपयोग में ली जाती है तब MG SOLITAIRE के रहवासियों के भविष्य का क्या होगा? इस कच्चे रास्ते पर मयंक घोटा न तो कोई निर्माण कर सकते हैं और ना ही किसी प्रकार से कोई स्वरुप परिवर्तन कर सकते हैं। तो क्या इस महंगी कॉलोनी में जनता कच्चे रास्ते से खेतों के बीच से होकर जाएगी? (देखे आदेश की छायाप्रति)।
इस आदेश का जिक्र कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी MG SOLITAIRE के अभिमत पत्र बिन्दु क्रमांक 05 पर किया गया है, जिसमें स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि ‘‘प्रश्नाधीन स्थल (MG SOLITAIRE) तक पहुंच मार्ग के सम्बन्ध में न्यायालय तहसीलदार रतलाम (रतलाम शहर) के मामला क्रमांक 21 दिनांक 10.01.2025 के द्वारा अभिमत प्रदाय किया गया है। संलग्न मान चित्रानुसार मार्ग विस्तार हेतु भूमि छोड़ना आवश्यक होगा। यदि इससे अधिक भूमि मार्ग विस्तार हेतु उपलब्ध होती हो तो उसे छोड़ना आवश्यक होगा। मार्गाधि कार की भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण मान्य नहीं होगा।’’ (देखे अभिमत पत्र की छायाप्रति)।

जिससे स्पष्ट है कि कृषि तथा अन्य कार्य के लिए शासकीय भूमि से आने-जाने की ली गई अनुमति का उपयोग कॉलोनी के मुख्य मार्ग के रुप में किया जाना है। ऐसे में किसान और कॉलोनाइजर की दोहरी भूमिका निभाने वाले मयंक घोटा को चाहिए कि वे समस्त प्रापर्टी ब्रोकर्स और अपनी कॉलोनी के इन्वेस्टर्स तथा ग्राहकों को सच बताएं कि उनकी कॉलोनी में जाने का रास्ता जयन्तसेन धाम के पास से आने वाला रास्ता अवैध सड़क न होकर शासकीय कन्या शाला परिसर और हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी के मध्य से जाने वाला रास्ता है। (देखे रास्ते की तस्वीर) जो आगे जाकर कांकडनुमा हो जाता है। लेकिन मयंक घोटा ने जयन्तसेन धाम के समीप से आने वाले अवैध रास्ते पर प्रचार-प्रसार कर उसे अपनी कॉलोनी में आने वाला मुख्य रास्ता बता रहे हैं जिससे भ्रम की स्थिति बन गई है। (देखे अवैध रास्ते का फोटो)।
यदि रतलाम में कोई ईमानदार कलेक्टर आते है और इस अवैध रास्ते को उखाड़ देते हैं तो रहवासियों का क्या भविष्य होगा?

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