रतलाम : कलेक्टर बदलने से न तो कार्रवाई रुकती है और न ही बदलती है

मामला बिबड़ौद , खेतलपुर एवं विरियाखेड़ी स्थित अवैध कॉटेज कालोनियां का
रतलाम ।
Kishan sahu
जमीन के जुर्म के बेताज बादशाह रतलाम में एक से बढ़कर एक जमीन की जुर्म की इबारत लिखते हैं, कानून-कायदे को ताक में रख देते हैं और प्रशासन में बैठे जिम्मेदार उनके जुर्म पर पर्दा डालने में पीछे नहीं रहते हैं। मामला तीन साल पुराना है, शहर और इससे सटे 11 गांवो में अवैध कालोनियां काट कर धोखेबाजी से चल रहे गौरखधंधे की पड़ताल का है, जिसका खुलासा तत्कालीन कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने किया था। उन्होंने ने बताया था कि इन 11 गांवो में 27.4675 हेक्टेयर जमीन खेती की है जहां अवैध रुप से छोटे बड़े प्लाट काटकर बेचे जा रहे हैं। यहां न तो कालोनी एक्ट, न ही रेरा के नियमों का पालन किया गया है। न टीएनसीपी से नक्शा पास करवाया गया है और न ही विकास की अनुमति ली गई है। जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई है ।
तत्कालीन कलेक्टर सूर्यवंशी के अनुसार अवैध कालोनियों को डेवलप करने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी एवं अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। लेकिन आज तक न तो एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई, न ही अवैध निर्माण को तोड़ा गया।
कलेक्टर सूर्यवंशी के जाने के बाद भी प्रशासन आज आँख मूंदकर बैठा हुआ है। यहां ग्राम बिबड़ौद स्थित जयन्तसेन के पास से गुजरने वाली अवैध सड़क से 300 करोड़ की जगलरी का खेल चल रहा है। जब यह सड़क अवैध है तो इस सड़क को आधार बनाकर कैसे टीएनसीपी कार्यालय कालोनी निर्माण के लिए अभिमत दे सकता है? यह अवैध सड़क पाश्र्वनाथ डेवलपर्स के उस अवैध प्रोजक्ट का हिस्सा है जिसके कई प्लाटों के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया और वहीं दूसरी और इस अवैध सड़क को आधार मानकर टीएनसीपी कार्यालय परमिशन दे रहा है। यहां पर कितनी ही जगहों पर नालें दबा दिए गए हैं। सरकारी जमीन से अवैध तरीके से रास्ता दिया जा रहा है, जिनका अधिकार क्षेत्र नहीं है वे अधिकारी पद का दुरूपयोग कर यहां अवैध अनुमति दे रहे हैं।
क्या कारण है कि प्रशासन में बैठे जाँबाज अफसर कलेक्टर सूर्यवंशी के जाने के बाद कुंभकरण जैसे निन्द्रा में सो गए हैं। उन्हें ध्यान रहना चाहिए कि कलेक्टर बदलने से न तो कार्रवाई रुकती है, न बदलती है न कानून बदलता है न कायदा।
सागोद रोड जयन्तसेन धाम के पीछे वाली काटेज कालोनी पर तीन साल बाद भी प्रशासन के अफसर हाथ क्यों नहीं डाल पा रहे है? यहां आज भी जमीन की जगलरी का खेल चल रहा है, यहां आलीशान बंगले बनाए जा रहे हैं। इस अवैध प्रोजेक्ट को वैध प्रोजेक्ट की तरह संरक्षण क्यों दिया जा रहा है? यह जांच का विषय है।
बिना अनुमति सीसी सड़क बनाने पर अक्टूबर 2021 में कालोनी सेल ने मेसर्स पाश्र्वनाथ डेवलपर्स को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद आज तक कार्रवाई ठप पड़ी है। न तो अवैध निर्माण को तोडा गया और न ही अवैध सड़क को उखाड़ा गया। यदि जयन्तसेन धाम के समीप से गुजरने वाली अवैध सड़क को उखाड़ दिया जाए तो इस क्षेत्र म हो रही जमीन की जगलरी पर विराम लग जाएगा। वर्तमान कलेक्टर राजेश बाथम को इस मामले का संज्ञान में लेकर कठोरतम कार्रवाई करते हुए इस जमीन के जुर्म की इबारत को बुलडोजर भेजकर मिटा देना चाहिए, जिससे कभी कोई शासन के बनाए नियमो को ध्वस्त कर अवैध निर्माण न कर सके। यह कार्रवाई होने से कलेलक्टर राजेश बाथम को रतलाम के इतिहास में सदैव याद किया जाएगा।
