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मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड नशे का कारोबार करवा रहा वक्फ धार्मिक स्थलों पर

रतलाम। अखिल भारतीय मुजावर सेना के अध्यक्ष शेर मोहम्मद शाह ने प्रधानमंत्री , गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ड्रग्स-लव जिहाद-लैण्ड जिहाद में शामिल राजधानी भोपाल के सफेदपोश मुस्लिम राजनेताओं तथा मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की भी भूमिका की सीबीआई जांच की मांग की।
पत्र में बताया गया कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनव्वर पटेल आपराधिक तत्वों से घिरे रहते हैं एवं पटेल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि वे वक्फ बोर्ड में जाति की राजनीति कर रहे हैं।
पत्र के अनुसार ड्रग्स-लव जिहाद-लैण्ड जिहाद की घटना जो सोशल मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं राष्ट्रीय समाचारों में प्रकाशित हुई है। उन खबरों एवं समाचार पत्रों का अवलोकन करने से यह सिर्फ प्रतीत ही नहीं प्रमाणित होता है कि मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में पदस्थ वर्तमान चेयरमेन ज़नाब सनव्वर पटेल साहब के साथ में कदम से कदम मिलाकर चलने वाला व्यक्ति जो कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष है जिसका नाम शेरू उर्फ शहरयार का सगा भाई शाहवार और भतीजा यासीन ड्रग्स-लव जिहाद-लैण्ड जिहाद में शामिल रहे है।

मध्यप्रदेश पुलिस इस मामले में ईमानदारी से काम कर रही है, लेकिन पुलिस के काम में कुछ सफेदपोश मुस्लिम नेता जो सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े है वह पुलिस पर अनावश्यक राजनैतिक प्रेशर बनाकर पुलिस की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे है जिसकी वजह से मध्यप्रदेश के अमन और इंसाफ पसन्द आम नागरिकों में भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल हो रही है और यह कृत्य एक सोची समझी साजिश के तहत भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति और उसे बदनाम करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में जब से सनव्वर पटेल साहब चेयरमेन बने है तब से मुस्लिम समाज में एक विशेष जाति को प्राथमिकता देते हुए धार्मिक स्थल पीर स्थान, दरगाह, तकिया, ईदगाह, ईमाम बाड़ा, मस्जिद, कब्रस्तान आदि पर इंतेजामी कमेटियां गठित की जा रही है, जिसमें नियमानुसार पुलिस वेरिफिकेशन पदाधिकारियों का होना चाहिए। जिस पर आपराधिक मुकदमें दर्ज है ऐसे लोगों की कमेटियां नहीं बनाना चाहिये, लेकिन उसके बावजूद भी अधिकतर कमेटियों में गुण्डे बदमाश और दादा पहलवानों को शामिल कर कमेटियां बनायी गई है। जिसके कारण मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थलों पर ड्रग्स, स्मैक, गांजा, चरस आदि नशीले पदार्थ की बिक्री हो रही है। एक तरफ मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश में नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान इस स्लोगन के साथ चलाया जा रहा है कि ‘नशे से दूरी है जरूरी’ , वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश शासन का अर्द्धशासकीय विभाग मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम 1995 के नियमों के विपरित कार्य कर धार्मिक स्थलों पर नशे का कारोबार करवा रहा है। इतना ही नहीं नशे के कारोबार से जुड़े लोगों को संरक्षण दे रहा है।
इसके अलावा प्रदेश में बेशकीमती जमीने पट्टा नीति के नाम पर गलत तरीके से अन्य लोगों को देकर आर्थिक अपराध बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके अलावा भी बड़ी संख्या में गबन और घोटाले मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में निरन्तर हो रहे है जिसके खुलासे समाचार पत्रों के माध्यम से समय-समय पर होते रहते है।


लेकिन ड्रग्स का मामला एक गंभीर मामला है और मध्यप्रदेश शासन ईमानदारी से इसमें काम कर रही है लेकिन अन्य मुस्लिम राजनेता अपने पद और पाॅवर का गलत इस्तेमाल कर इस मामले को दबाने की कोशिशों में लगे है। उल्लेखनीय है कि आज दिनांक 30.07.2025 को स्थानीय प्रशासन द्वारा ड्रग्स-लव जिहाद के मामले को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के भोपाल के जिलाध्यक्ष शहरयार उर्फ शेरू के भाई शारीक मछली द्वारा बनाये गये शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाया गया है। जिस शासकीय भूमि की कीमत 50 करोड़ करीब है उसेे मुक्त करवाया है।
अखिल भारतीय मुज़ावर सेना पत्र प्रेषित कर जनहित और धर्महित में यह मांग की है कि शासन और संविधान हित में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार, घपले और घोटालों के अलावा ड्रग्स-लव जिहाद-लैण्ड जिहाद के मामले की सी.बी.आई. जांच कराने के आदेश करे।

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