रतलाम

कहता है जोकर सारा जमाना आधी हकीकत आधा फसाना – दादा

रतलाम। कांग्रेस प्रत्याशी पारस दादा की धान मंडी में पहली आम सभा आयोजित की गई जो 8:00 बजे से शुरू हुई तथा रात्रि 10:00 बजे आम सभा का समापन हुआ।जिला अध्यक्ष मयंक जाट ने आमसभा में बोला कि उन्होंने एक भी उद्योग रतलाम शहर में लगाया है या नहीं 2013 में बोलते हैं फॉर इंडिया इंडस्ट्रियल ग्रोथ आज की तारीख में रतलाम का युवा जो है वह बेरोजगार अगर कोई उद्योगपति विधायक आया है तो सच यह रहती है कि रतलाम को रोजगार देगा वह काम करेगा रतलाम शहर के लिए लेकिन आप बताएं कि इन 10 साल के अंदर उद्योगपति ने क्या एक भी उद्योग रतलाम शहर को दिया क्या उन्होंने व्यापारियों के लिए कहा कि मैं व्यापारियों को किसी भी प्रकार से कोई समस्या नहीं आने दूंगा एक व्यापारी इंसान है वह टैक्स भी भरता है इनकम टैक्स भी भरता प्रोफेशनल टैक्स भी भरता है गवर्नमेंट को बढ़ता है डबल इंजन की सरकार को बढ़ता है टैक्स कितने प्रकार के हुए हमारे ऊपर 12% का टैक्स 18 परसेंट का टैक्स और 28% का टैक्स व्यापारियों पर और व्यापारियों ने विरोध किया टैक्स के लिए हमारी कांग्रेस ने विरोध किया टैक्स के लिए सरकार उसे पीछे आती परंतु भैया जी को रास नहीं आया अपना बहुमन कैसे होगा यह तो कांग्रेस की कहाँ पर हो गया उन्होंने एक बात छुपी वहां पर भैया जी ने शिवराज सिंह जी को कहा कि यह जो टैक्स लेकर आए या बहुत गलत है मैंने बोला था इसलिए व्यापारियों को टैक्स नहीं लगा ऐसे झूठे अब मंडल में हम फंस रहे हैं हम अपने विवेक का उपयोग करें।…आम सभा में कांग्रेस विधायक प्रत्याशी पारस दादा ने कहा कि कहता है जोकर सारा जमाना आधी हकीकत आधा फसाना और रतलाम में तो हकीकत कुछ भी नहीं है फसाना ही फसाना है। उन लोगों को शर्म नहीं आई जो टोपी पहन के घूम रहे हैं और जिसको चुनाव लड़ना है वह घर पर बैठा है और तुम लोग टोपी पहन कर घूम रहे हो वह भी आ जाए मैदान में टोपी पहनकर परंतु उसके नाप की टोपी नहीं होगी। क्या वही है चेहरा पुराना वही झूठ, फरेब। जब मैं बहन की बात करता हूं तो मुझे मामा की याद आती है दोस्तों इतिहास में एक ऐसा उदाहरण है की भगवान कृष्ण को जन्म देने वाली देवकी और उसको करने की कोशिश करने वाला मामा तो अपने को सोचना है कौन सा मामा याद आता है वह मामा याद आता है कंस वाला या और दूसरा याद आता है यह समझ में नहीं आता। शिवराज जी आप मेरे दोस्त हो प्रिय मित्र भी हो आपने दोनों को जय और वीरू बता दिया तो गब्बर कौन है यह भी बता देते साथ में मैं बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है मैं नहीं बोलूंगा परंतु ठाकुर अपने पांव से कुचल कुचल कर गब्बर को मारेगा शोले भाग 1। भाग 2 तो भोपाल से चल रहा है उद्योग डलवाया बदनावर में स्कूल खोला बदनावर में नए उद्योग का एक्सटेंशन किया वापी में अपना हेड ऑफिस बनाया मुंबई में अपना स्टूडियो बनाया मुंबई में रतलाम में ठेंगा। चेतना अखबार चलाया बंद कर दिया 120 कर्मचारी बेरोजगार हो गए चेतना टीवी भी चलाया बंद कर दिया 60 कर्मचारी बेकार हो गए। हम पूछेंगे आपसे आप राजनीति करने आए हो रतलाम को क्या दिया आपने स्कूल वहां खोला कश्यप विद्यापीठ तो रतलाम को बच्चों की पढ़ने की जरूरत नहीं है क्या? तिलक कहां लगाया सर पर लगाया क्या किसी ने अगर सिर पर तिलक लगाया तो भैया जी उसकी ऐसी कम तैसी कर देंगे एक का नाक काटता है तो सबका नाक काटेंगे तिलक सर पर लगता है कि हाथ पर…. मंच पर रतलाम शहर अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, महिला अध्यक्ष कुसुम चाहर, प्रभु राठौड़ शांतिलाल वर्मा, जेवियर मईडा, रजनीकांत व्यास ,फैयाज मंसूरी सुजीत उपाध्याय आदि कांग्रेस के पदाधिकारी मंचासीन थे। वही आमसभा में रतलाम की जनता का सैलाब उमड़ पड़ा। लगभग आठ हजार लोग आमसभा को देखो सुन रहे थे। यह जानकारी नीलू अग्रवाल ने दी।

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