रतलाम

कवि सम्मेलन में खुब लगाये ठहाके

रतलाम । नगर निगम द्वारा 15 से 24 अक्टूबर तक आयोजित दस दिवसीय श्री कालिका माता नवरात्री मेले के आठवें दिन निगम के सांस्कृतिक मंच से कवियों ने अपने काव्य पाठ से उपस्थित श्रोताओं को खुब गुदगुदाया।

कवि सम्मेलन की शुरूआत कवियत्री प्रिया खुशबु ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद निम्बाहेड़ा से आये कवि गोपाल धुरंधर ने ठेठ मालवी भाषा में अपना काव्य पाठ कर श्रोताओं को खुब हंसाया। फिर जिस घर बेटी नहीं वह घर नर्क है जैसी संवेदनशील कविताऐं सुनाई।

इसके बाद भीलवाड़ा से आये कवि दीपक पारिक ने राजस्थानी हास्य रंग बरसाते हुए
कुछ यूं कहा –
गुजारा जो वक्त आज बहारो के बीच में
हमने भी करदी शायरी यारो के बीच में
रिश्ते सुधारने हे तो दीवारें तोड़ दो
क्यों झांकते है रोज दरारों के बीच में।
भोपाल से आई कवियत्री अपूर्वा चतुर्वेदी ने ने श्रृंगार रस व देशभक्ति की कविताओं का पाठ कर पुरे मेले में राष्ट्रवादी वातावरण निर्मित कर दिया।

ओरछा छत्तीसगढ़ से आये ओज रस के कवि सुमित ओरछा ने राष्टप्रेम की कविताऐं सुनाई साथ ही भगवान श्रीराम के चरित्र मानस का चित्रण कर मेला प्रांगण को धर्ममयी कर दिया।

कन्नौद की कवियत्री प्रिया खुशबु ने मस्ती भरी नोंक झोंक की कविताऐं सुनाकर श्रोताओं को खुब आनन्दित किया।

मालवा के विख्यात अर्न्तराष्ट्रीय कवि जानी बैरागी ने मालवी अंदाज में लोगो को हंसा-हंसा कर लोट-पोट कर दिया वही धर्म, संस्कृति वं हिन्दु-मुस्लिम एकता के संदेश वाली कविताओं को पाठ किया।

कवि सम्मेलन का संचालन उदयपुर से आये कवि आजात शत्रु ने किया जिसे जनता ने खुब सराहा एवं भारत की बेटियो की प्रशंसा के काव्य पाठ से कवि सम्मेलन का समापन किया।

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