एम जी सॉलिटर के किसान मयंक घोटा पर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर की मेहरबानी का क्या है राज?
रतलाम । Kishan sahu

नगर तथा ग्राम निवेश के उपसंचालक मयंक घोटा के छल-कपट को क्यों कर रहे हैं नजर अंदाज?
आपने जमीन के जुर्म की कई दास्तां पढ़ी, देखी और सुनी होंगी जिसमें जमीन के जुर्मी कई तरह के प्रपंच रचते हैं… लेकिन रतलाम तहसील के ग्राम बिबड़ौद में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1064, 1080 तथा 1082 में एमजी सॉलिटर नाम से एक कॉलोनी का विकास कार्य Higy Sky infra द्वारा भागीदार मयंक घोटा पिता मणीलाल घोटा द्वारा किया जा रहा है। जिसमें छल और कपट है ।
रतलाम। शहर के मध्य क्षेत्र के तहसीलदार ऋषभ ठाकुर के समक्ष उपस्थित होकर कॉलोनाइजर मयंक घोटा अपने आप को एक किसान बताते हुए अपने ग्राम बिबड़ौद स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1080 रकबा 1.260 हेक्टेयर कृषि भूमि पर जाने के लिए रास्ता मांगते हैं जिस पर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर किसान मयंक घोटा को उक्त खेत पर जाने के लिए सरकारी रास्ते पर सशर्त अनुमति प्रदान कर देते हैं।
यहीं से झोल झाल का खेल शुरू होता है। सबसे पहली झोल झाल तो यह है कि ग्राम बिबड़ौद स्थित सर्वे क्रमांक 1080 रकबा 1.260 हेक्टेयर पर जाने के लिए जिस सरकारी भूमि से अनुमति दी गई है वह रतलाम शहर के पश्चिम क्षेत्र के तहसीलदार के अधिकार क्षेत्र में आता है। तो ऐसे में तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने अपनी नौकरी को दांव पर लगाते हुए किसान मयंक घोटा को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए क्यों अनुमति प्रदान की?
इस अनुमति को लेकर किसान मयंक घोटा नगर तथा ग्राम निवेश के उपसंचालक रतलाम के कार्यालय पर पहुंचते हैं और अपनी कालोनी एम जी सॉलिटर के लिए अभिमत मांगते हैं, जिस पर उपसंचालक एम.एल. वर्मा कालोनी विकास हेतु अपना अभिमत कॉलोनाइजर मयंक घोटा के पक्ष में दे देते हैं।
उपसंचालक एम.एल. वर्मा लगभग दो माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, वे न सिर्फ अपने काम के विशेषज्ञ हैं वे यह भी जानते हैं कि कोई भी राजस्व न्यायालय किसी किसान को भी ऐसे अनुमति नहीं देता है जैसे मयंक घोटा को दे दी गई। वे इस बात को जानते हैं कि यह अनुमति घोटा को कृषि कार्य एवं अन्य उपकरण लाने लगे जाने के लिए दी गई है। फिर भी उन्होंने कालोनी विकास के लिए अभिमत दे दिया।
[ एम जी सॉलिटर का टी.एन.सी.पी. अभिमत शून्य किया जाए
तहसीलदार रतलाम शहर मध्य क्षेत्र ऋषभ ठाकुर द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर रतलाम शहर पश्चिम क्षेत्र में आने वाली सरकारी भूमि पर रास्ते के लिए अनुमति देना विधि विरुद्ध होकर एक आर्थिक आपराधिक कृत्य है। ऐसे में ठाकुर द्वारा जारी की गई अनुमति शून्य है और इस अनुमति को केन्द्र में रखकर टी.एन.सी.पी. द्वारा एम जी सॉलिटर को दिया गया अभिमत शून्य घोषित किया जाए।
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सत्ता के दुरूपयोग की कई दास्तांने आप पढ़ते-सुनते होंगे लेकिन अगर आपको सत्ता का दुरूपयोग रतलाम में देखना हो तो रतलाम के ग्राम बिबड़ौद स्थित एम जी सॉलिटर में जाकर देखिये। शब्द एक्सक्लूसिव ने 12 जुलाई को प्रकाशित अंक में ‘किसान मयंक घोटा ने ली अनुमति’कालोनाइजर मयंक घोटा ने किया अनुमति का उपयोग ’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर एम जी सॉलिटर में चल रहे छल-कपट को उजागर किया था। अब जब इस मामले में जागृति आने के बाद शब्द एक्सक्लूसिव को कॉलोनी से संबंधित नए तथ्य अवगत कराए गए जिस पर पेज नं. 1 पर ‘‘एम जी सॉलिटर के किसान मयंक घोटा पर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर की मेहरबानी का क्या है राज ?’’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया जा रहा है। पाठको को पूरा मामला समझने में कोई दिक्कत न आए, इसलिए पूर्व में प्रकाशित समाचार को पुनः प्रकाशित किया जा रहा हैl पूर्व में प्रकाशित समाचार को पढ़ने के ली दी गई लिंक पर क्लीक करे

किसान मयंक घोटा ने ली अनुमति कालोनाइजर मयंक घोटा ने किया अनुमति का उपयोग!
