उत्तर से लेकर मध्य भारत तक इस प्रकार मनाया जाता है करवा चौथ
करवा चौथा हिंदू त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में करवा चौथ का पर्व अलग-अलग राज्यों में किस प्रकार मनाया जाता है। क्योंकि, इस पर्व की छंटा एक ही है, लेकिन विभिन्न राज्यों में हमें इसके अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं।
करवा चौथा हिंदू त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखती हैं। चांद देखने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। पूरे भारत में इस पर्व की छंटा एक है, लेकिन इसके अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं।
उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक इस पर्व को सुहागिनों द्वारा अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ऐसे में इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर भारत के अलग-अलग राज्यों में इस पर्व को किस प्रकार मनाया जाता है।
पंजाब में इस तरह मनाया जाता है करवा चौथ
पंजाब में करवा चौथ की शुरुआत सूर्योदय से पहले सरगी से होती है। सांस अपनी बहू को फल, मिठाई और पराठे देती हैं और सुहागिन महिलाएं पूरा दिन लाल साड़ी व गहने पहनती हैं। शाम को सभी महिलाएं कथा सुनती हैं और गीत-संगीत के साथ इस पर्व को मनाया जाता है।
राजस्थान में यह है तरीका
राजस्थान में करवा चौथा पर बाया दिया जाता है, जो कि सुहागिन महिलाओं की माता द्वारा उनके ससुराल में दिया जाता है। इसमें फल, मिठाई और कपड़े भेजे जाता हैं। वहीं, महिलाओं द्वारा आटे से जमीन पर आकृति भी बनाई जाती है, जो कि यहां की संस्कृति को दर्शाते हैं।
उत्तर प्रदेश में इस तरह मनाया जाता है करवा चौथ
उत्तर प्रदेश में करवा चौथ का व्रत रखने से पहले मिट्टी से बना करवा पानी से भरकर रखा जाता है। पूरा दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और शाम को किसी बुजुर्ग महिला से करवा चौथ माता की कथा सुनती हैं। इसके बाद शाम को चांद की अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं।
मध्य प्रदेश में बदला जाता है करवा
मध्य प्रदेश में सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे के साथ करवा बदलती हैं। करवा में चूड़ी, बिंदी, सिक्के व अन्य सामान होता है। इसका प्रमुख उद्देश्य महिलाओं के बीच बहन के रूप में प्रेम बरकरार रखना होता है।
महाराष्ट्र में इस तरह से मनाया जाता है करवा चौथ
महाराष्ट्र में उत्तर भारत की तुलना में करवा चौथ का चलन कम है। हालांकि, यहां की महिलाएं खुद के संवारने पर अधिक ध्यान नहीं देती हैं, बल्कि सामान्य रूप से पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। शाम को वे बिना किसी छलनी के ही चांद को देखती हैं और पानी देकर व्रत खोल लेती हैं।
बिहार में भी बदला जाता है करवा
बिहार में करवा चौथ के मौके पर सुहागिनों द्वारा करवा बदला जाता है। करवा में सिंदूर, बिंदी और चूड़ियां होती हैं। सुहागिनें शाम के समय करवा बदलकर बुजुर्गों से आशीर्वाद लेती हैं और चांद को देखकर व्रत खोलती हैं।
हिमाचल प्रदेश में लोकगीत के साथ मनाया जाता है करवा चौथ
हिमाचल प्रदेश में करवा चौथ के मौके पर सुहागिनें लोक गीत के साथ इस पर्व को मनाती हैं। महिलाएं एक साथ जुटती हैं और लोक गीत गाते हुए पर्व के रंग बिखेरती हैं।
हरियाणा में इस तरह मनाया जाता है करवा चौथ
हरियाणा में भी पंजाब की तरह सुहागिनों को सरगी दी जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरा दिन व्रत रखती हैं और पर्व में पूरा परिवार शामिल होता है। शाम को कथा के बाद महिलाएं चांद को देखती हैं और व्रत खोलती हैं।